Braj (Hindi/Braj Bhasha: ब्रज) (also known as Brij or Brajbhoomi) is a region mainly in Uttar Pradesh of India, around Mathura-Vrindavan. Braj, though never a clearly defined political region in India, is very well demarcated culturally. It is considered to be the land of Krishna and is derived from the Sanskrit word vraja. The main cities in the region are Mathura, Bharatpur, Agra, Dholpur and Aligarh.
Wednesday, October 5, 2011
राधा रानी मंदिर / Radha Rani Temple
बरसाना के बीचो-बीच एक पहाड़ी है जो कि बरसाने के मस्तिष्क पर आभूषण के समान है। उसी के ऊपर राधा रानी मंदिर है इस मंदिर को बरसाने की लाड़ली जी का मंदिर भी कहा जाता है। राधा का प्राचीन मंदिर मध्यकालीन है जो लाल और पीले पत्थर का बना है। राधा-कृष्ण को समर्पित इस भव्य और सुन्दर मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह ने 1675 में करवाया था। बाद मे स्थानीय लोगो द्वारा पत्थरो को इस मंदिर में लगवाया। राधा जी को प्यार से बरसाना के लोग ललि जी और वृषभानु दुलारी भी कहा जाता है। राधाजी के पिता का नाम वृषभान और उनकी माताजी का नाम कीर्ति था। राधा रानी का मंदिर बहुत ही सुन्दर और मनमोहक है। राधा रानी मंदिर क़रीब ढाई सौ मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना है और इस मंदिर में जने के लिए सैकड़ों सीढ़ियां चढ़नी पढ़ती है। राधा श्री कृष्ण की आह्लादिनी शक्ति एवं निकुच्जेश्वरी मानी जाती है। इसलिए राधा किशोरी के उपासकों का यह अतिप्रिय तीर्थ है। बरसाने की पुण्यस्थली बड़ी हरी-भरी तथा रमणीक है। इसकी पहाड़ियों के पत्थर श्याम तथा गौरवर्ण के हैं जिन्हें यहाँ के निवासी कृष्णा तथा राधा के अमर प्रेम का प्रतीक मानते है। बरसाने से 4 मील पर नन्दगांव है, जहाँ श्रीकृष्ण के पिता नंद जी का घर था। बरसाना-नंदगांव मार्ग पर संकेत नामक स्थान है। जहाँ किंवदंती के अनुसार कृष्ण और राधा का प्रथम मिलन हुआ था। (संकेत का शब्दार्थ है पूर्वनिर्दिष्ट मिलने का स्थान) यहाँ भाद्र शुक्ल अष्टमी (राधाष्टमी) से चतुर्दशी तक बहुत सुन्दर मेला होता हैं। इसी प्रकार फाल्गुन शुक्ल अष्टमी, नवमी एवं दशमी को आकर्षक लीला होती है। लाड़ली जी के मंदिर में राधाष्टमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार भद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।
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